मासिक धर्म जैसे बायोलॉजिकल प्रोसेस पर चुप्पी तोड़ने और जागरूकता फैलाने के लिए पीरामल फाउंडेशन फ़ेलोशिप (piramal Foundation Fellowship) का हिस्सा रही एक फेलो ने अहम कदम उठाया.
मासिक धर्म स्वच्छता पर 20 दिवसीय सामुदायिक कार्यक्रम का आयोजन
पीरामल फाउंडेशन की गांधी फेलो धनश्री खडसे छत्तीसगढ़ के विकासखंड कोंडागांव के बुनागांव और गुलभागांव की महिलाओं और लड़कियों के लिए मासिक धर्म स्वच्छता (menstrual hygiene) पर 20 दिवसीय सामुदायिक कार्यक्रम का आयोजन किया. कार्यक्रम में गोमती कोर्राम, सुखबती यादव, रीना पोयाम, अंजलि टेकाम की सहायता से मासिक धर्म संबंधी समस्याओं पर बात की गई.
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मासिक धर्म स्वच्छता कार्यक्रम (menstrual hygiene program) ग्राम स्तर पर संचालित किया गया, जिसमें मिडिल स्कूल से लेकर हाई स्कूल की लड़कियों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, स्वयं सहायता समूह की महिलाओं (self help group women) और शिक्षिकाओ को शामिल किया गया.
किशोरियों के साथ की मासिक धर्म से जुड़ी प्रचलित भ्रांतियों पर चर्चा
स्कूलों में जाकर किशोरियों से बात कर मासिक धर्म पर एक सत्र भी आयोजित किया गया. इस सत्र में किशोरियों को अपनी बात रखने और समस्याओं को साझा करने का मौका मिला. मासिक धर्म से जुड़ी प्रचलित भ्रांतियों (misconceptions related to menstruation) पर चर्चा की गई. महिलाओं को स्वस्थ खान-पान की ज़रुरत और स्वच्छता संबंधी चुनौतियों पर भी बात की गई (challenges related to women's health and hygiene). इस कार्यक्रम की ख़ास बात यह रही कि महिलाओं को कपड़े के पैड बनाने की प्रक्रिया और उसके उपयोग के फायदे बताये गए.
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10 दिनों बाद महिलाओं और छात्राओं के साथ ग्राम स्तरीय कार्यक्रम आयोजित कर मासिक धर्म से जुड़ा अंतिम मूल्यांकन किया गया. मूल्यांकन में स्वास्थ्य विभाग की CHO मधु धीवर और सुपरवायसर सरिता पटेल ने मासिक धर्म से जुड़ी जानकारी दी. धनश्री खडसे ने महिलाओं को जागरूक करते हुए बताया कि मासिक धर्म एक प्राकृतिक और महत्वपूर्ण प्रक्रिया है. मासिक धर्म स्वच्छता के बारे में खुलकर और बिना शर्म के चर्चा करना ज़रूरी है.
स्वास्थ्य विभाग से मांगा समर्थन
उनका मानना है कि लड़कियों और लड़कों को कम उम्र से ही मासिक धर्म के बारे में शिक्षित किया जाना चाहिए (menstrual health awareness). साथ ही कार्यक्रम में बताया गया कि घर पर डीलीविरी न कर हॉस्पिटल में भर्ती कराना ज़रूरी है. इस तरह मासिक धर्म से लेकर प्रेगनेंसी तक सारी जानकारी इस कार्यक्रम में दी गई. इस विषय पर लगातार बात होना ज़रूरी है. शुरू हुई इस चर्चा को जारी रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग से बात कर निवेदन किया गया कि वे समय-समय पर किशोरियों को जागरूक करते रहे.
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महिला सशक्तिकरण (women empowerment) की दिशा में हो रहे प्रयासों में स्वास्थ्य की भूमिका अहम है, ख़ासकर मासिक धर्म स्वच्छता की. इस विषय पर बात कर महिलाओं और किशोरियों की सेहत में सुधार लाया जा सकेगा.